Shayari Alfaaz
Farz shayari
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें !!
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें !!
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम !!
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ !!
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम !!
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी !!
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो फ़राज़ !!
दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला !!
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं !!
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं !!
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से !!
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं !!
Farz shayari
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं !!
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं !!
सुना है दिन को उसे तितलियाँ सताती हैं !!
सुना है रात को जुगनू ठहर के देखते हैं !!
आप हमारे साथ नहीं !!
चलिए कोई बात नहीं !!
आप किसी के हो जाएँ !!
आप के बस की बात नहीं !!
अब हम को आवाज़ न दो !!
अब ऐसे हालात नहीं !!
इस दुनिया के नक़्शे में !!
शहर तो हैं देहात नहीं !!
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