Ajnabi Shayari : Best 199+ अजनबी शायरी

Ajnabi Shayari : – दोस्तों आप हर रोज ना जाने कितने ही अजनबी लोगों से मिलते-जुलते रहते है। लेकिन आपको कभी ऐसा अजनबी मिल जाता है जिससे आपको हर रोज मिलने का मन करता है और उसके साथ समय बिताने का उसको अपना बनाने को दिल चाहता है। कुछ ऐसे ही अजनबी लोगो के लिए अजनबी शायरी का सबसे अच्छा संग्रह लेकर आये है, जो की आपको बहुत पसंद आयेगा। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

Ajnabi Shayari in hindi

Ajnabi Shayari

अजनबी कोई समझ लेता है !!
कोई अन्जान समझ लेता है !!
दिल है दीवाना !!
हर तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है !!

अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ !!
ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ !!
फूँक डालूँगा किसी रोज ये दिल की दुनिया !!
ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी न सकूँ !!

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है !!
उससे मिलना तो तकदीर मे लिखा भी नही !!
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!

हम तो यूँ अपनी ज़िन्दगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
जिस तरह आप हम से मिलते हैं !!
आदमी यूँ न आदमी से मिले !!

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है !!
उससे मिलना तो तकदीर मे लिखा भी नही !!
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!

अजनबी बन के हँसा करती है !!
ज़िंदगी किस से वफ़ा करती है !!
क्या जलाऊँ मैं मोहब्बत के चराग़ !!
एक आँधी सी चला करती है !!

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है !!
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद !!
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!

हम तो यूँ अपनी ज़िन्दगी से मिले !!
अजनबी जैसे अजनबी से मिले !!
जिस तरह आप हम से मिलते हैं !!
आदमी यूँ न आदमी से मिले !!

वजह पुछने का तो मौका ही कहाँ मिला !!
वो लहजे बदलते गये और हम अजनबी बनते गये !!

जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का !!
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा है !!

Ajnabi Shayari

दिल चाहता है कि फ़िर ,अजनबी बन !!
कर देखें ,तुम तमन्ना बन जाओ !!
हम उम्मीद बन कर देखें !!

क्या ग़म है ,क्या ख़ुशी मालूम नहीं !!
अपना है की अजनबी मालूम नहीं !!
जिसके बिना एक पल नहीं गुज़रता कैसे !!

अजीब किस्सा है जिंदगी का !!
यहां अजनबी हाल पूछते हैं और !!
अपनों को खबर ही नहीं !!

क्या बताएं अपने हाल जनाब हम !!
अजनबियों को कुछ बताते नहीं और !!
हमारे अपने हमे पूछते ही नहीं !!

मुझे इस बात का “गम” नहीं कि बदल !!
गया ज़माना मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो !!
कहीं तुम ना “बदल” जाना !!

सीने में दबा दर्द में सब को दिखाऊंगा !!
अजनबी समझती है अब वो हमे !!
ये गम भरा किस्सा में अब सब को बताऊंगा !!

जब भी मिलती है अजनबी सी लगती है !!
ना जाने क्यूँ हर रोज़ ये जिन्दगी इतने रंग !!
बदलती है !!

तुझसे ज्यादा करीब तो अब तेरी तस्वीर लगने !!
लगी है !!जब भी मैं उसकी तरफ़ देखता हूं वो !!
भी मर तरफ़ देखती है !!

Ajnabi Shayari

उन्हें तो आता है हमारे बगैर खुश रहना !!
पर हमारा क्या,हमारी तो खुशी ही वो है !!
अंजान शायर !!

काफी नजरे देखती है तुझे !!
लेकिन तेरा यू अनदेखा कर देना !!
सुकून देता है मुझे !!

कोई अजनबी फिर से ख़ास हो रहा है !!
लगता है मोहोब्बत हो गई फिर से ऐसा !!
एहसास हो रहा है !!

Ajnabi Shayari Status in Hindi

मेरे इस तन्हा सफर में कुछ दोस्तों ने मेरी !!
जिंदगी रंगीन कर दी पर मैंने उन्ही के खिलाफ !!
खड़े होके खुद की जिंदगी तबाह कर दी अंजान शायर !!

अजनबी ख्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ !!
ऐसे जिद्दी हैं परिंदे के उड़ा भी न सकूँ !!

अजनबी बनकर निकल जाओ तो अच्छा है !!
सुलग जाती है उम्मीदें बेवजह !!

जिंदगी अजनबी मोड़ पर ले आई है !!
तुम चुप हो मुझ से और मैँ चुप हूँ सबसे !!

ख़ुद को कितना भुला दिया मैंने !!
तू भी अब अजनबी सा लगता है !!

हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है !!
हम हैं मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं !!

मैं तो खुद अपने लिए अजनबी हूँ तू बता !!
मुझ से जुदा हो कर तुझे कैसा लगा !!

अजनबी ही रह गए कितनी मुलाक़ातों के बाद !!
कितनी बातें अनकही ही रह गई बातों के बाद !!

Ajnabi Shayari

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

तेरा नाम था आज किसी अजनबी की ज़ुबान पे !!
बात तो ज़रा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला !!
वक्त नाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला !!

कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम !!
आज दिल की एक एक धड़कन की बंदगी हो तुम !!

अजनबी था तो मेरे जवाबों पर तुम्हे यकीन था !!
कम्बख्त जान का सबब बन गयी है ये जान पहचान !!

ऐसा न हो कि ताज़ा हवा अजनबी लगे !!
कमरे का एक-आध दरीचा खुला भी रख !!

Ajnabi Shayari

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!

हमसफ़र की तरह वो चला था मगर !!
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी !!

हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!

हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

Ajnabi Quotes in Hindi

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!

हमसफ़र की तरह वो चला था मगर !!
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी !!

हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!

हमसे मत पूछो जिंदगी के बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!

Ajnabi Shayari

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे !!

खुशी देने वाले अपने तो होते ही है !!
पर गम देने वाले भी अजनबी नही होते !!

उस अजनबी से हाथ मिलाने के वास्ते !!
महफ़िल में सब से हाथ मिलाना पड़ा मुझे !!

अजीब हाल में पहुंच गई है जिंदगी !!
अब ना कोई अजनबी रहा ना कोई अपना !!

जो चाहा वो मिला नही तो क्यों ना !!
जो मिला है उसे चाहा जाए !!

क्यों बनू मैं किसी और जैसा !!
जमाने में मुझसा भी तो कोई नही !!

Ajnabi Shayari

क्यों तलास्ते हो खूबी मुझमें ये खूबी !!
क्या कम है की तुम मेरे हो !!

छोटी सी बिंदी रंग सांवला है !!
उसे देख हर कोई बावला है !!

मुस्कुराना आदत है हमारी !!
वरना जिंदगी तो हमसे भी नाराज है !!

इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

Ajnabi Shayari

सदियों” बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई !!
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई !!
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से !!
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई !!

हम कुछ ना कह सके उनसे !!
इतने जज्बातों के बाद !!
हम अजनबी के अजनबी ही रहे !!
इतनी मुलाकातो के बाद !!

वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे !!
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे !!
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था !!
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे !!

वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे !!
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे !!
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था !!
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे !!

अजनबी से प्यार शायरी

न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी !!
उस अजनबी के लिए !!की मेरा दिल भी !!
उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया !!
करता हे !!

ज़रा सी ज़िंदगी है,अरमान बहुत हैं !!
हमदर्द नहीं कोई,इंसान बहुत हैं !!
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको !!
जो दिल के करीब है ,वो अनजान बहुत हैं !!

तेरी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने !!
फिर न होश का दावा किया कभी मैंने !!
वो और होंगे जिन्हें मौत आ गई होगी !!
निगाह-ए-यार से पाई है जिन्दगी मैंने !!

चला दिल पे खंजर और वो दिल के पार हो गया !!
एक अजनबी मुलाकात हुई थी उनसे हमारी !!
मगर ना जाने क्यों उनसे प्यार हो गया !!

Ajnabi Shayari

अजनबी शहर में अजनबी रास्ते !!
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे !!
मैं बहुत देर तक यूही चलता रहा !!
तुम बहुत देर तक याद आते रहे !!

उन्हें देखा फिर से दर्द उठा !!
पर उन्हें देखे बगैर रहा भी नहीं ज़ाता !!
ऐसा क्यूं करती है तू ऐ ज़िदंगी !!
क्या तुम्हे हमसे ख़ेले बगैर रहा नहीं जाता !!

महंगा प्यार !!
लोगों को जो तोहफे में मिलती है !!
हम उसे उधार मांग रहे है !!
हमें मिले जो दर्द है उसके बदले !!
हम सिर्फ प्यार मांग रहे है !!

Ajnabi Shayari

चेहरे अजनबी हो जाये तो !!
कोई बात नहीं लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये तो !!
बड़ी तकलीफ देते हैं !!

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है !!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है !!
उससे मिलना तो तकदीर मे लिखा भी नही !!
फिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है !!

मैंने सोचा कि क्या लिखूं तेरे बारे में !!
फिर याद आया कि तू पढ़ेगी ही नहीं !!
तो लिख के क्या फायदा एक अंजान शायर !!

आज हम रो दिए इसलिए माफी चाहते है !!
पर हमारे सहने कि हद यही तक थी !!
एक अंजान शायर !!

Ajnabi Shayari

ना ही रोया जाता है ना ही सोया जाता है !!
पागल की तरह ये दिल तेरे ख्यालों में खो जाता है !!
अंजान शायर !!

खुदा तेरी हर दुआ कुबूल करे !!
जिस चाहे तु हमसे आजाद होना !!
उस दिन तेरे सामने ही हम मरे !!

सिर्फ तुम ,मेरी हर सुबह का पहला ख्याल हो तुम !!
मेरी हर रात का ख्वाब हो तुम मैं ज्यादा तारीफ नहीं !!
करूंगा तुम्हारी ,क्यूंकि जैसी भी हो लाजवाब हो तुम !!

Ajnabi Shayari

बदल लेंगे हम खुद को इतना !!
की तुम भी न पहचान पाओगे हमें !!
अगर कभी सोचोगे हमारे बारे में !!
हमें पूरी तरह अजनबी पाओगे !!

हम कुछ ना कह सके उनसे !!
इतने जज्बातों के बाद !!
हम अजनबी के अजनबी ही रहे !!
इतनी मुलाकातो के बाद !!

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

हमसे मत पूछो यारो उनके बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!

Ajnabi Shayari

हमसफ़र की तरह वो चला था मगर !!
रास्ते भर रहा अजनबी अजनबी !!

हमसे मत पूछिए जिंदगी के बारे में !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में !!

इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!

Ajnabi Shayari

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

चेहरे “अजनबी” हो भी जाएं तो कोई बात नहीं !!
लेकिन रवैया अजनबी हो जाए तो बड़ी “तकलीफ” देते है !!

तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे !!
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!

कुछ बोलता नहीं फिर भी सवाल करता है !!
उसके गाल का तिल बवाल लगता है !!

अजनबी पर शायरी

तू एक ऐसी लत है मेरी जो खुद छूटना !!
चाहती है ,पर मैं नहीं छोड़ना चाहता !!

तुम्ही आकर थाम लो मुझे सब ने !!
छोड़ दिया है तुम्हारा समझ कर !!

काश ,तेरे इश्क में ,नीलाम हो जाऊ !!
आखरी बोली तुम लगाओ ,तेरे नाम हो जाऊ !!

Ajnabi Shayari

हमे तो राह तकने से मतलब है !!
मसला तुम्हारा है ,की तुम किस गली से आओगे !!

पता नही कुछ भी पर खबर सारी है !!
तेरे ख्यालों में खो जाने की यह पुरानी बीमारी है !!

इस कदर पास हो मेरे दिल के !!
मुझे दूरियां का एहसास नही होता !!

गलत होगा ये कहना की सिर्फ औरत ही मोहब्बत करती है !!
मैने देखा है शमशान वासी शिव को वैराग्य त्यागते हुए !!

Ajnabi Shayari

मसला यह नहीं कि प्यार है !!
मसला तो यह है की आज भी तुझसे है !!

दिखा नहीं सकता उसके ख्यालों से बाहर निकलने का रास्ता !!
कहने को google पूरी दुनिया दिखा सकता है मुझे !!

तुम्हे एक बार फिर से देखना चाहता हु !!
इससे पहले की शहर में lockdown लग जाए !!

Ajnabi Shayari

अक्सर पूछते है लोग अलग होने की वजह !!
मै अपनी कमी बताकर तेरी इज्जत बचा लेती हु !!

वो अपनी सहेली से कुछ इस कदर तो कहती होगी !!
मुझसे जो लड़का मोहब्बत करता है वो शायर है !!

जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से !!
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई !!

Ajnabi Shayari

कभी अनजान राहों पर भी मेरा नाम लिखते थे !!
वो मेरे शहर में बसते हैं अब अजनबी बन कर !!

अजनबी कोई समझ लेता है,कोई अन्जान समझ लेता है !!
दिल है दीवाना !! हर तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है !!

लोग इन्तजार करते रह गये कि हमें टूटा हुआ देखें !!
और हम थे कि सहते सहते पत्थर के हो गये !!

एक तेरे फर्क ना पड़ने से !!
बहुत फर्क पड़ता है मुझे !!

Ajnabi Shayari

हर रोज तेरी यादों के सफर में नींद ऐसे खो जाती है !!
हम सोते नहीं पर रात थक के सो जाती है !!

हमने सोचा हम आपकी जिंदगी का एक हिस्सा है !!
पर आपने तो हमे किस्सा समझ कर भुला भी दिया !!

हम तुम्हे खोना नहीं चाहते इसलिए अपनी चाहत !!
जता रहे है !!हमें मतलबी ना समझो हम पल पल !!
तुम्हारी याद में मरे जा रहे हैं !!

Ajnabi Shayari

खुश नहीं है हम फिर भी खुश रहने की कोशिश करते है !!
हम गरीब है पर तुझे पाने की महंगी ख्वाहिश रखते है !!

मेरे लिए तुम किस क़दर अहमियत रखते हो कभी !!
खुद से पूछ लेना इस बार दिमाग नहीं दिल जवाब देगा !!

वह वाकिफ मेरे हाल से कि मैं बेचैन इस रात से !!
वह शातिर अपने अंदाज से मैं अनजान उसकी चाल से !!

Ajnabi Shayari

कई अजनबी तेरी राह में मेरे पास से यूँ गुज़र गए !!
जिन्हे देख कर ये तड़प हुई तेरा नाम लेके पुकार लूँ !!

अनजान ही अच्छे होते है साहब !!
जानने वाले दिल बहुत दुखाते है !!

उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही !!
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है !!

Ajnabi Shayari

अजनबी तो हम जमाने के लिए हैं,आपसे !!
तो हम शायरियों में मुलाकात कर लेते हैं !!

महफ़िलों में फिरता रहता हूँ अजनबी सा !!
तन्हाइयों में भी तन्हाईयाँ नसीब नहीं होती !!

बेनाम आरजू की वजह ना पूछिए !!
कोई अजनबी था रूह का दर्द बन गया !!

Ajnabi Shayari

मैं तो खुद अपने लिए अजनबी हूँ तू बता
मुझ से जुदा हो कर तुझे कैसा लगा !!

हमसे मत पूछो जिंदगी के बारे मे !!
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे !!

अगर तुम अजनबी हो तो लगते क्यों नहीं
और अगर मेरे हो तो मिलते क्यों नहीं !!

Ajnabi Shayari

न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए !!
की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता है !!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

दिल चाहता है कि फ़िर ,अजनबी बन कर देखें !!
तुम तमन्ना बन जाओ,हम उम्मीद बन कर देखें !!

Ajnabi Shayari

वजह पुछने का तो मौका ही कहाँ मिला !!
वो लहजे बदलते गये और हम अजनबी बनते गये !!

सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई !!
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई !!

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!लोग !!
बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

Ajnabi Shayari

कल तक तो सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम !!
आज दिल की हर एक धड़कन पर हुकूमत है तुम्हारी !!

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला ,वक्त
नाम था पर जब भी मिला मजबूर मिला !!

चले आओ ‘अजनबी’ बनकर फिर से मिले !!
तुम मेरा नाम पूछो मैं तुम्हारा हाल पूछूं !!

Ajnabi Shayari

इस अजनबी शहर में पत्थर कहां से आया है !!
लोगों की भीड़ में कोई अपना ज़रूर है !!

मंजिल का नाराज होना भी जायज था !!
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे !!

आँखें भिगोने लगी है अब तेरी बातें !!
काश तुम अजनबी ही रहते तो अच्छा होता !!

Ajnabi Shayari

वक्त ने बदल दी !! तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा !!
पहले दोस्ती !! फिर अपनापन और अब अजनबी सा अहसास !!

उसकी हर एक शिकायत देती है मुहब्बत की गवाही !!
अजनबी से वर्ना कौन हर बात पर तकरार करता है !!

अजनबी था तो मेरे जवाबों पर तुम्हे यकीन था !!
कम्बख्त जान का सबब बन गयी है ये जान पहचान !!

Ajnabi Shayari

इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है !!
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!

कल तक सिर्फ़ एक अजनबी थे तुम !!
आज दिल की एक एक धड़कन की बंदगी हो तुम !!

कितनी अजनबी हैं ये रातें ये दिन !!
बेगानी सी लगती हैं तुम बिन !!

Ajnabi Shayari

चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन !!
रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं

तेरा नाम था आज किसी अजनबी की जुबान पे !!
बात तो जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया !!

अगर दोस्त ना मिलते तो कभी यकीन नहीं होता की !!
अजनबी लोग भी अपनों से ज्यादा प्यारे हो सकते है !!

ऐसा न हो कि ताज़ा हवा अजनबी लगे !!
कमरे का एक-आध दरीचा खुला भी रख !!

Ajnabi Shayari

जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का !!
वँहा से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही अच्छा !!

मेरे अज़ीज़ ही मुझ को समझ न पाए हैं !!
हम अपना हाल किसी अजनबी से क्या कहते !!

अजनबी थे तो अच्छा था !!
इस जान पहचान ने कम्बखत फासले बढ़ा दिए !!

खुशी देने वाले अपने तो होते ही है !!
पर गम देने वाले भी अजनबी नही होते !!

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