355+ Best Shayari on Taj Mahal in Hindi | ताज महल पर शायरी

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Shayari on Taj Mahal

अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता !!
फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता !!

चाहत थी मेरी हंसी ताजमहल की तरह !!
तेरी यादो ने हमको ही खण्डहर बना दिया !!

इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल !!
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है !!

बेवफाई को वफ़ा बना दे ऐसा बाजीगर चाहिए !!
दिलों को ताजमहल बना दे ऐसा कारीगर चाहिए !!

बेवफाई को वफ़ा बना दे ऐसा बाजीगर चाहिए !!
दिलों को ताजमहल बना दे ऐसा कारीगर चाहिए !!

माना मैंने कि ताजमहल उनके प्यार की निशानी हैं !!
पर हकीकत में दोस्तों ये हजारों मजदूरों की कुर्बानी हैं.

ताजमहल की बुनियाद में इश्क हैं !!
इसलिए इसके चर्चे पूरी दुनिया में हैं !!

वो मोहब्बत नहीं इबादत रही होगी !!
जो शाहजहां ने मुमताज से की होगी !!

मोहब्बत को नसीब अगर तेरा साथ हो जाए !!
मेरा छोटा सा आशियाना भी ताजमहल हो जाए !!

वक्त देना अपने रिश्तो को दोस्तों याद रखना !!
ताजमहल ज़माने ने देखा है मुमताज ने नहीं !!

इस इश्क की निशानी ने दुनिया को दीवाना बनाया है !!
कैसी होगी वो मोहब्बत ये अफसाना बताया है !!

जीते जी रखना चाहता हूँ तेरा ख्याल !!
भले ही मुझसे न बन पाए ताज महल !!

ऐ ताज तेरा रंग या मेरा इश्क गहरा है !!
यूँ तो दोनों पर ही दुनिया का पहरा है !!

मोहब्बत को नसीब अगर तेरा साथ हो जाए !!
मेरा छोटा सा आशियाना भी ताजमहल हो जाए !!

दिखाने के लिए तो हम भी बना सकते है ताजमहल !!
मगर मुमताज़ को मरने दे हम वो शाहजहाँ नहीं !!

इस ईश्क कि निशानी ने दुनिया को दिवाना बनाया हैं !!
कैसी होगी वो मोहब्बत ये अफसाना बताया हैं !!

तुम आगरा की वह ताज हो !!
तुम इश्क़ में मेरी मुमताज़ हो !!

दौलत से महज़ महल बना करते है !!
पाक़ रिश्तों से ताजमहल बना करते है !!

झोपड़ियों में कहां बसता है इश्क शहजादी !!
ताजमहल की बात तो अगले जन्म में करूंगा !!

दिखाने के लिए तो हम भी बना सकते है ताजमहल !!
मगर मुमताज को मरने दे हम वो शाहजहाँ नहीं !!

बेवफाई में वफ़ा बना दे ऐसा बाजीगर चाहिए !!
दिलो को ताजमहल बना दे ऐसा कारीगर चाहिए !!

2 lines love shayari taj mahal

वो मोहब्बत नहीं इबादत रही होगी !!
जो शाहजहां ने मुमताज से की होगी !!

ताजमहल की बुनियाद में इश्क हैं !!
इसलिए इसके चर्चे पूरी दुनिया में हैं !!

जब ख़्वाबों के ताज को जलाया दर्द के महल में !!
तब रौशनी बिखरी है जाकर ताजमहल पर !!

तुम से मिलती जुलती मै आवाज कहाँ से लाउंगा !!
ताज महल बन जाए अगर मुमताज कहाँ से लाऊंगा !!

अब किस किस सितम की मिसाल दूँ मै तुमको !!
तुम तो हर सितम बेमिसाल करते हो !!

लोगो ने ताज महल का ताज देखा हैं !!
मैंने उसमें एक दफ़न मुमताज़ को देखा हैं !!

चाहत थी मेरी ताजमहल की तरह !!
तेरी यादो ने हमको ही खंडहर बना दिया !!

कुछ तो बात है महोब्बत में वरना !!
एक लाश के लिए कोई ताजमहल नहीं बनवाता !!

एक आगरा में है और दूसरा मेरे दिल में !!
जो अपनी मुमताज के इतजार में फना होता जा रहा है !!

अगर यादें दफ़न हो जाया करती तो !!
ताजमहल इतना नायाब ना होता !!

मोहब्बत क्या है लोग अक्सर पूछते है !!
इसी सवाल का जवाब ताजमहल है !!

बेचैन हो तुम भी और बेचैन हूँ मै भी !!
तुम ताज के लिए मै मुमताज के लिए !!

मत बनाओ हवाई ताजमहल हर किसी के लिए !!
जो सबसे हो जाया करे वो मोहब्बत नहीं होती !!

दौलत से महज महल बना करते है !!
पाक रिश्तो से ताजमहल बना करते है !!

नज़र नमाज़ नज़रिया सब कुछ बदल गया !!
इक रोज़ मुझे इश्क़ हुआ और मेरा खुदा बदल गया !!

Quotes on taj mahal in hindi

वो इस अंदाज़ में मुझसे मोहब्बत चाहती है !!
मेरे ख्वाब में भी अपनी हुकूमत चाहती है !!

मुद्दतों बैठे रहे हम तेरे एहसास के साथ !!
दूर के दूर रहे और पास के पास !!

सुलगते लम्स की खुशबू हवा में छोड़ गया !!
वो जो हमसफर था सफर में छोड़ गया !!

राह तकते जब थक गई आंखे !!
फिर तुझे ढूंढने मेरी आंख के आसूं निकले !!

छूटे हुए हाथों का छूटना अब और नही अखरता !!
पड़ चुका है अब फर्क इतना कि अब फ़र्क नही पड़ता !!

दिल की तकलीफ़ कम नही करते !!
अब कोई शिकवा हम नही करते !!

मुहब्बत बुरी है बुरी है मुहब्बत !!
कहे जा रहे हैं किये जा रहे हैं !!

दुआ करना दम भी उसी तरह निकले !!
जिस तरह तेरे दिल से हम निकले !!

मुहब्बत बुरी है बुरी हैं मुहब्बत !!
कहे जा रहे हैं किये जा रहे हैं !!

नज़र नमाज़ नज़रिया सब कुछ बदल गया !!
इक रोज़ मुझे इश्क हुआ और मेरा ख़ुदा बदल गया !!

वो इस अंदाज़ में मुझसे मोहब्बत चाहती हैं !!
मेरे ख्वाब में भी अपनी हुकूमत चाहती है !!

मुद्दतों बैठे रहे हम तेरे एहसास के साथ !!
दूर के दूर रहे और पास के पास !!

बेगुनाह कोई नहीं सबके राज़ होते हैं !!
किसी के छप जाते हैं किसी के छिप जाते हैं !!

राह तकते जब थक गई आंखे !!
फिर तुझे ढूंढने मेरी आंख के आसूं निकले !!

ज़िंदगी से यही गिला है मुझे !!
तू बहुत देर से मिला है मुझे !!

Taj mahal captions in hindi

तेरे न होने से बस इतनी सी कमी रहती है !!
में लाख मुस्कुराऊ आँखों में नमी रहती है !!

इक शख्स कुछ लम्हे कई यादें बतौर इनाम मिले !!
इक सफर पर निकले और तजुर्बे तमाम मिले !!

इश्क़ में लिखे मेरे अल्फ़ाज़ अगर इमारत होते !!
तो यक़ीन मानिये ये किसी ताजमहल से कम न होती !!

मुरादे मंगाकर तुझको दिल पे अपने सजाया है !!
तिनको को जोड़कर मैंने ताजमहल बनाया है !!

इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल !!
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है !!

तेरे रूठने रूठ कर मनाने पर एक गजल बनाउंगा !!
तू जब भी मुस्कुराएगी मै एक ताजमहल बनाउंगा!

रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म ए इश्क का फसाना !!
कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना !!

बेचैन हो तुम भी और बेचैन हूँ मैं भी !!
तुम ताज़ के लिए मैं मुमताज़ के लिए !!

हर दिल में एक मुमताज होती है !!
हर दिल एक ताजमहल होता हैं !!

ए ताज तेरा रंग या मेरा इश्क़ गहरा है !!
यूं तो दोनों पर ही दुनिया का पहरा है !!

किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम !!
आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं !!

कोई तो बात है मोहब्बत मे वरना एक !!
लाश के लिए कोई ताजमहल तो नही बनाता !!

शहर के हर गली में ताज होता !!
गर मेरे महबूब में भी अक्स-ए-मुमताज होता !!

मत बनाओ हवाई ताज़महल हर किसी के लिए !!
जो सबसे हो जाया करे वो मोहब्बत नहीं होती !!

अगर यादें दफ़न हो जाया करती तो !!
ताजमहल इतना नायाब ना होता !!

Taj mahal shayari

ताजमहल भी बनवा देंगे !!
एक बार उनको हमसे !!
सच्चा प्यार तो हो जाने दो !!

सीख रही हूं लफ्ज़ो की कारीगरी !!
मुझे भी तो उसकी याद में !!
लफ्ज़ो का ताजमहल बनाना हैं !!

कुछ तो बात है मोहब्बत में !!
वरना एक लाश के लिए कोई !!
ताजमहल नहीं बनवाता !!

एक मुलाकात बस आखरी बार !!
फिर मैं दफन कर दूंगा अपनी !!
मोहब्बत को ताजमहल के पास !!

ताजमहल की ईमारत मोहबत की मिसाल नज़र आती है !!
हम किस किस के लिए ताजमहल बनाये !!
हमे तो हर लड़की में मुम्ताज़ नज़र आती है !!

महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को !!
ख़ज़ाना यहाँ छूपा है !!
झोंपड़ी के ताजमहल में !!

ताजमहल को देख कर बोला शाहजहाँ का पोता !!
आज हमारा भी बैंक बैलेंस होता !!
अगर दादा आशिक ना होता !!

ताजमहल तो वो ईमारत है !!
जब जब कोई इसे देखे तो !!
तो महबूब याद आ जाता है !!

तुम से मिलती-जुलती मैं आवाज़ कहाँ से लाऊँगा !!
ताज-महल बन जाए अगर मुम्ताज़ !!
कहाँ से लाऊँगा साग़र आज़मी !!

अकेलापन क्या होता है कोई ताज महल से पूछे !!
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है !!
लेकिन रहता कोई नहीं !!

हम कौन सा उस बेवफा की वफ़ा के मोहताज है !!
हमारे सपनों के ताजमहल के
लिए उम्मीदवार कई मुमताज है !!

इश्क़ में कोई अमीर गरीब नहीं होता हैं !!
ये अलग बात है हर इश्क़ !!
ताजमलह जितना मशहूर नहीं होता हैं !!

ताजमहल तो वो ईमारत है !!
जब जब कोई इसे देखे तो !!
तो महबूब याद आ जाता है !!

महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को !!
ख़ज़ाना यहाँ छूपा है !!
झोंपड़ी के ताजमहल में !!

एक मुलाकात बस आखरी बार !!
फिर मैं दफन कर दूंगा अपनी !!
मोहब्बत को ताजमहल के पास !!

Shayari Taj Mahal

हम कोनसा उस बेवफा की वफा के मोहताज है !!
हमारे सपनों के ताजमहल के !!
लिए उम्मीदवार कई मुमताज है !!

रिश्ते ताजमहल की तरह होते हैं !!
सबको उनकी खूबसूरती तो दिखती हैं !!
पर उन्हें बनानें में लगी मेहनत और वक्त’
किसी को नहीं नजर आता !!

सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर !!
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता !!
बस पत्थर बन के रह जाता ताज महल !!
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता !!

सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत !!
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता !!
बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल !!
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता !!

अकेला पन क्या होता है !!
कोई ताजमहल से पूछे !!
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है !!
लेकिन रहता कोई नही !!

मेरे खूबसूरत दिल को भी !!
शायद ताजमहल समझ लिया है लोगो ने !!
देखने और घूमने तो बहुत लोग आते है !!
पर रहता कोई नहीं !!

तू रहकर इस दिल में इस !!
दिल को ही तोड़ गया इस तरह !!
कि हमने हर टुकड़े को नकाश कर तेरी !!
यादों का ताजमहल बना लिया !!

हर एक हर्फ़ का अंदाज बदल रखा है !!
आज में मैंने तेरा नाम गजल रखा है !!
मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया !!
मेरे कमरे में भी एक ताजमहल रखा है !!

हजारों झोपड़ियां जलकर राख होती है !!
तब जाकर एक महल बनता हैं !!
आशिकों के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता !!
और हसीनाओं के मरने पर ताजमहल बनता हैं !!

सफर लम्हा है दोस्त बनाते रहिये !!
दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये !!
ताजमहल ना बनाईये महंगा पड़ेगा !!
मगर हर तरफ मुमताज बनाते रहिये !!

ना जाने कितना टैक्स वसूला होगा !!
एक ताजमहल बनवाने के लिए !!
गरीबों का शोषण करना जरूरी था !!
मूर्ख शहंशाह को प्यार जताने के लिए !!

जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!

मोहब्बत करने वालों को दीवाना कह दिया !!
प्यार में जलने वालों को परवाना कह दिया !!
दफ़ना दिया मोहब्बत को पत्थरों के नीचे !!
लोगों ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया !!

बेवफा को वफ़ा सिखा दूँ !!
मैं वो बाजीगर हूँ !!
दिलों को ही ताजमहल बना दूँ !!
मैं वो जादूगर हूँ !!

निगाहें कुछ इस कदर मसरूफ रहीं !!
तेरे दीदार में ऐ बेखबर !!
जिंदगी काट ली आगरे में पूरी !!
पर ताजमहल का दीदार अधूरा छोड़ आये !!

Quotes on taj mahal

सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत !!
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता !!
बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल !!
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता !!

इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि तो किसी को कातिल बन दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज !!
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया !!

मोहब्बत हर पल बढ़ रही !!
तुमसे चक्रवृद्धि ब्याज की तरह !!
तू संगमरमरी सी मुमताज बैठी है !!
पहलू में मेरे आगरा के ताज की तरह !!

अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का !!
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता !!

प्यार तो हमे भी करना था !!
पर कुछ ख़ास नहीं हुआ !!
ताजमहल तो हमे भी बनाना था !!
पर अफ़सोस कि लोन पास नहीं हुआ

ना जाने कितना टैक्स वसूला होगा !!
एक ताजमहल बनवाने के लिए !!
गरीबों का शोषण करना जरूरी था !!
मूर्ख शहंशाह को प्यार जताने के लिए !!

मोहब्बत करने वालों को दीवाना कह दिया !!
प्यार में जलने वालों को परवाना कह दिया !!
दफ़ना दिया मोहब्बत को पत्थरों के नीचे !!
लोगों ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया !!

जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!

ताजमहल को देखकर !!
बोला शाहजहां का पोता !!
आज हमारा भी बैंक बैलेंस होता !!
अगर बुड्ढा आशिक न होता !!

इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि तो किसी को कातिल बन दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज !!
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया !!

सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत !!
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता !!
बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल !!
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता !!

वफ़ा की कसम हम बेवफ़ा ना होंगे !!
मर जाएंगे पर आपसे जुदा ना होंगे !!
हम भी बनाएंगे अपनी दोस्ती का महल !!
शरम से झुक जाएंगा ताजमहल !!

ज़िंदा है शाहजहाँ की चाहत अब तक !!
गवाह है मुमताज की उल्फत अब तक !!
जाके देखो ताज महल को ऐ दोस्तों !!
पत्थर से टपकती है मोहब्बत अब तक !!

जब इश्क का जादू चलता है !!
तभी सेहरा में फुल खिलता है !!
जब कोई दीवाना यूँ मचलता है !!
तब कोई इमारत ताजमहल बन निकलती है !!

आप से हम दिल लगा बैठे हैं !!
इश्क़ की गलियों में दिल लुटा बैठे हैं !!
आपको इश्क़ हमसे है या नहीं जरूर बताना !!
क्योंकि अपने दिल में तुम्हारे लिए ताजमहल बना बैठे हैं !!

Taj mahal status

संगेमरमर की तू बात न कर मुझसे !!
मै अगर चाहू तो एहसास ऐ मोहब्बत लिख दूँ !!
ताजमहल भी झुक जाएगा चूमने के लिए !!
मै जो एक पत्थर पे तेरा नाम लिख दूँ !!

अगर तुम न होते गो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा है महोब्बत का !!
वरना पत्थर को ताज महक कौन कहता !!

मोहब्बत करने वालो को दीवाना कह दिया !!
प्यार में जलने वालो को परवाना कह दिया !!
दफना दिया मोहब्बत को पत्थर के निचे !!
और लोगो ने उसे मुमताज का आशियाना कह दिया !!

जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!

अगर इतना ही आसान होता !!
किसी की यादों को भुलाना तो !!
मुमताज की याद में शाहजहां को !!
ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता !!

इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि किसी को कातिल बना दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया !!

मन को छु जाती है तेरी हर बात !!
आँखों से पढ़ लेती हो दिल के जज्बात !!
बाँध कलाई पर राखी हर लेती हो हर दुःख !!
रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई !!

ताज महल क्या चीज़ है !!
मैं तेरे लिए हीरों का महल बनवाऊंगा !!
मुमताज़ महल तो मर के दफ़न हुई थी !!
मैं तुझे जिंदा ही दफ्नाऊंगा !!

जब इश्क का जादू चलता है !!
सेहरा में फूल खिल जाता है !!
जब कोई दिवाना मचलता है !!
तब ताजमहल बन जाता है !!

ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता !!
नदीं रोकने से समुन्दर नहीं बनता !!
लड़ते रहो जिन्दगी से हरपल !!
क्योकि एक जीत से कोई सिकन्दर नहीं !!

ना हम राजमहल चाहते थे !!
ना कोई ताजमहल चाहते है !!
हम तो बस आपसे थोड़ा
प्यार और थोडी इज्जत चाहते है !!

अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चेहरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा हैं मोहब्बत का !!
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता !!

सफ़र लम्बा है दोस्त बनाते रहिये !!
दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये !!
ताजमहल न बनाईये महंगा पड़ेगा !!
मगर हर तरफ मुमताज़ बनाते रहिये !!

रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं !!
सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं !!
पर उन्हें बनाने में लगी मेहनत और वक्त !!
किसी को नजर नहीं आता हैं !!

ताजमहल शायरी

जिन्दा है शाहजहाँ की चाहत अब तक !!
जवान है मुमताज की उल्फत अब तक !!
जाकर देखो ताजमहल को यारो !!
पत्थर से भी टपकती है मोहब्बत अब तक !!

हजारों झोपडियां जलकर राख होती हैं !!
तब जाकर एक महल बनता हैं !!
आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता !!
हसीनाओं के मरने पर ताज महल बनता हैं !!

जब इश्क का जादू चलता है !!
सेहरा में फूल खिल जाता है !!
जब कोई दिवाना मचलता है !!
तब ताजमहल बन जाता है !!

ताज महल क्या चीज़ है !!
मैं तेरे लिए हीरों का महल बनवाऊंगा !!
मुमताज़ महल तो मर के दफ़न हुई थी !!
मैं तुझे जिंदा ही दफ्नाऊंगा !!

इश्क ने इंसान को क्या बना दिया !!
किसी को कवि किसी को कातिल बना दिया !!
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज !!
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया !!

अगर इतना ही आसान होता !!
किसी की यादों को भुलाना तो !!
मुमताज की याद में शाहजहां को !!
ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता !!

एक आगरा में है !!
और दूसरा मेरे दिल मे !!
जो अपनी मुमताज के इंतजार में !!
फ़ना होता जा रहा है !!

जब प्यार किसी से होता हैं !!
हर दर्द दवा बना जाता है !!
क्या चीज मोहब्बत होती हैं !!
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं !!

प्यार तो हमे भी करना था !!
पर कुछ ख़ास नहीं हुआ !!
ताजमहल तो हमे भी बनाना था !!
पर अफ़सोस कि लोन पास नहीं हुआ !!

माना मैंने कि ताजमहल !!
उनके प्यार की निशानी हैं !!
पर हकीकत में दोस्तों !!
ये हजारों मजदूरों की कुर्बानी हैं !!

अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता !!
तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता !!
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का !!
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता !!

मोहब्बत हर पल बढ़ रही !!
तुमसे चक्रवृद्धि ब्याज की तरह !!
तू संगमरमरी सी मुमताज बैठी है !!
पहलू में मेरे आगरा के ताज की तरह !!

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